Header Ads

loading...

कट्प्पा ने बाहुबली को क्यों मारा



'कट्प्पा ने बाहुबली को क्यों मारा' ये सवाल 2015 से लोगों के जहन में है. आखिरकार इस सवाल का जवाब लोगों को मिला है, 'बाहुबली : द कन्‍क्लूजन'. यह फिल्‍म 'बाहुबली: द बिग्निंग' का सीक्वल है और इसलिए इसके सभी कलाकार वहीं हैं जो पुरानी फिल्‍म में थे जैसे प्रभास, राणा डग्‍गुबत्ती, अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटीया, रामया,सत्‍यराज और नासर. 'बाहुबली : द कन्‍क्‍लूजन' के ज्‍यादातर हिस्से का ताना बाना इसी सवाल के आसपास बुना गया है की 'कट्प्पा ने बाहुबली को क्यों मारा'. इस फिल्‍म में हमें अमरेन्द्र बाहुबली और देवसेना की प्रेम कहानी और उसकी वजह से इस राजसी परिवार में आयी दरार को देखने का मौका मिला है. वैसे तो इस फिल्‍म के लिए पैदा हुई उत्सुकता, इसकी कहानी और इसकी बाकी खामियों पर ज्‍यादा नजर टिकने नहीं देती है. फिर भी सबको हर चीज में खूबियां और खामियां नजर आती हैं इसलिए मैं भी पहले बात करता हूं इस फिल्‍म की खामियों की जो मुझे इस फिल्‍म में नजर आईं.

दरअसल वैसे तो यह फिल्‍म अपने वीएफएक्‍स और विजुअल इफेक्‍ट्स के आधार पर ही इतनी बड़ी बनी है, लेकिन फिल्‍म में यह थोड़े नकली लगते हैं. हालांकि भारतीय सिनेमा के नजरिये से ये बेहतरीन हैं पर अगर आप इसे अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा की कसौटी पर परखेंगे तो ये थोड़ा हलके नजर आते हैं. इंटरवेल तक फिल्‍म में बहुत सीन ऐसे हैं जो दक्षिण भारतीय नजरिये को ध्यान में रख कर फिल्माए गए हैं. इन सीन्‍स में हिरोइज्म नजर आएगा पर कहीं आपको लगेगा की ये दृश्य कहानी आगे नहीं बढ़ा रहे हैं. हालांकि फिल्‍म की यह भव्‍यता आपको अच्‍छी लगेगी.

 
baahubali

पहली फिल्‍म में जो युध्द के दृश्य आपने देखे वो कहीं न कहीं उन गाथाओं का फिल्मांकन था जो आपने महाभारत या और कई वीर गाथाओं में पढ़ा होगा या सुना होगा और आपको उन पर आसानी से विश्वास हो जाता है. लेकिन बाहुबली 2 में युद्ध के कुछ सीन नकली लगने लगते हैं. यह कुछ खामियां हैं जो आप भी फिल्‍म के दौरान महसूस करेंगे.

फिल्‍म की खूबियों की बात करें तो सबसे पहली बात ये की 'बाहुबली' देखने के बाद 'बाहुबली 2' से लोगों की उम्मीदे बहुत ज्यादा थीं बावजूद इसके ये फिल्‍म आपकी उम्मीदों पर खरी उतरती है. फिल्‍म में वही भव्यता, एक अकल्पनीय दुनिया, दिल दहलाने वाले युध्द के दृश्य और बेजोड़ कोरियोग्राफी, खासतौर पर युध्द. जैसे एक सीन में बाहुबली अमरेन्द्र और देवसेना महल में घुसे दुश्मनों से धनुष-बाण से युध्द करते हैं. इन सीन्स का फिल्मांकन हो या कोरियोग्राफी, आपको यह सब काफी बढ़ि‍या लगेगा.
 
baahubali

इस फिल्‍म में आपके इमोशन को झंकझोरने वाले कई दृश्य हैं और इस सीक्‍वेल में पहली फिल्‍म के मुकाबले काफी भावनात्‍मक दृश्‍य हैं. जैसे चाहे कट्प्पा का बाहुबली का मारना हो, या फिर एक मां का अपने बेटे से नाराज होना. स्पेशल इफेक्‍ट्स कुछ सीन्‍स में छोड़कर काफी प्रभावशाली हैं. फिल्‍म के कलाकारों की मेहनत हर दृश्य में नजर आती है फिर चाहे वो एक्‍टर्स हों, कास्ट्यूम डिजाइनर, या फिर सैट डिज़ाइनर हों. फिल्‍म के दृश्‍यों में गहराई भी कमाल की है और छोटी छोटी चीजों का काफी ख्‍याल रखा गया है.

प्रभास, राणा डग्‍गूबती, रामया, सथ्याराज, नासर और अनुष्का शेट्टी सभी का काम काबिले तारीफ है. साथ ही फिल्‍म की सिनेमैटोग्राफी भी कमाल की है और फिल्‍म का बैकग्राउंड स्कोर भी कई जगह पर मुझे अच्छा लगा. आखिर में एस एस राजामौली के निर्देशन की बात न करें तो नाइंसाफी होगी. बाहुबली जैसा कामयाब सपना देखने के लिए उन्‍हें मेरी तरफ से पूरे मार्क्‍स. इस फिल्म को हमारी तरफ से 4 स्‍टार मिलते हैं.

No comments

Powered by Blogger.